तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही अब सोचने लगे है हम कि,
जिंदगी के हर लम्हे में...
तेरी जरुरत सी लगती है।।
वो अक्सर मुझसे पूछते थे की
तुम कभी मुझे छोड़ कर तो नही जाओगे
अपसोस इस बात का है की काश
हमने भी ये सवाल उनसे पुछा होता
प्रेम और मित्रता मन से होती है मतलब से नहीं...
वो पूछते हैं इतने गम में भी खुश कैसे हो?
मैने कहा, प्यार साथ दे न दे, यार साथ हैं!
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
मरहम न सही एक ज़ख्म ही दे दे,
महसूस तो हो के कोई हमें भूला नहीं।
No comments:
Post a Comment